होम लोन कैसे लें, बैंक के द्वारा की जाने वाली औपचारिकताएं

होम लोन देने के बाद बैंक द्वारा औचक निरक्षण

नमस्कार दोस्तों आज हम इस पोस्ट में बात करेंगे हाउस लोन की बची हुई जानकारी के बारे में।

तो आज हम शुरू करते हैं हाउस लोन के पश्चात हाउस का अनिवार्य तौर पर इंश्योरेंस करवाना क्यों जरूरी होता है, इस मूल प्रश्न के साथ- जब बैंक मकान बनाने हेतु हाउस लोन प्रदान करता है तो वह हाउस लोन प्रदान करने के पश्चात कस्टमर को इंश्योरेंस करवाने को कहता है अथवा खुद ही उस प्रॉपर्टी का इंश्योरेंस करवाता है, किंतु इंश्योरेंस करवाने से पूर्व वह कस्टमर से इस विषय में सहमति लेता है।

जब बैंक फ्लैट बनाने हेतु लोन मुहैया करवाता है और उस फ्लैट का कंस्ट्रक्शन जारी है तो बैंक कस्टमर को बिल्डर ऑल रिस्क इंश्योरेंस करवाने के लिए कहता है, जब तक फ्लैट कंप्लीट ना हो जाए और फ्लैट कंप्लीट हो जाने के पश्चात, वह उस फ्लैट का कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस करवाने को कहता है|

आसान शब्दों में कहें तो जब तक फ्लैट का कंस्ट्रक्शन हो रहा होता है, तो कस्टमर को पोजीशन नहीं मिलता, इस मूल कारण के कारण बैंक बिल्डर ऑल रिस्क इंश्योरेंस करवाने को कहता है ताकि कोई हादसा हो तो कस्टमर को सुरक्षा प्रदान की जा सके इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा उस नुकसान की भरपाई करवा कर। इस तरह बैंक के द्वारा प्रदान की गई पूंजी और कस्टमर की अपनी पूंजी दोनों ही सुरक्षित हो जाती हैं।

बैंक के द्वारा हाउस लोन प्रदान करने के पश्चात की जाने वाली औपचारिक्ताएं

आइए अब जानते हैं कि बैंक किन अन्य बातों का ध्यान रखता है हाउस लोन प्रदान करते वक्त- 

1. बैंक हाउस प्रॉपर्टी के मोरगेज होने के 1 महीने के पश्चात निरीक्षण करता है और उसके बाद हर साल एक बार उस प्रॉपर्टी का औचक निरीक्षण करता है।

2. इसके साथ-साथ बैंक कस्टमर के द्वारा भरे हुए टैक्स की रसीद साल में एक बार देखता है।

3. बैंक इस सभी औचक निरीक्षण के  लिए निरीक्षण शुल्क कस्टमर से लेता है, किंतु कुछ मामलों में बैंक इस शुल्क को माफ कर देता है, वह अधिकतर कस्टमर के द्वारा हाउस लोन की चुकाई हुई किस्तों पर निर्भर करता है, अर्थात कस्टमर कितनी निरंतरता से किस्तों को चुका रहा है।

4. इसके अलावा जब बैंक मकान बनाने हेतु हाउस लोन प्रदान करता है तो वह समय-समय पर मकान के बनने की प्रक्रिया के दौरान कस्टमर से फोटोग्राफ लाने की मांग करता है, साथ ही अपने अधिकारी या प्रबंधक को बैंक हाउस बनाने के दौरान निरीक्षण करने हेतु जगह पर भेजता है, और बैंक अधिकारी या प्रबंधक फोटो पर बैंक स्टैंप के साथ यह सुनिश्चित करते हैं कि हाउस लोन के लिए प्रदान किया हुआ पैसा घर बनाने में ही इस्तेमाल हो रहा है, और वह उस स्टैंप लगी फोटोग्राफ को तिथि समेत कस्टमर के लोन के कागजात में रिकॉर्ड हेतु रख देते हैं।

5. इसके अलावा अगर बैंक प्लाट खरीद कर उस पर मकान बनाने हेतु हाउस लोन प्रदान कर रहा है, तो कस्टमर को 12 महीने के अंदर उस प्लाट पर मकान बनाना आरंभ करना होगा।

6. यदि बैंक प्लाट खरीद कर उस पर मकान बनाने हेतु लोन मुहैया करवाता है, तो बैंक पूरी लोन अमाउंट का 60% ही केवल प्लाट खरीदने हेतु देता है और पूरी लोन अमाउंट के 40% हिस्से से उस खरीदे हुए प्लाट पर कस्टमर को मकान बनाना होता है।

होम लोन से सम्बंधित अन्य मह्त्वपूर्ण जानकारी नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक कर के पढ़ सकते हैं –

पोस्ट 1 – Home Loan Post 1
पोस्ट 2 – Home Loan Post 2

तो दोस्तों हमने इस पोस्ट में जाना कि किस प्रकार बैंक तरह-तरह की औपचारिकताओं को पूरा करता है, इस पोस्ट के साथ हम आपको यह बताना चाहते हैं कि अब तक हमने हाउस लोन के बारे में मुख्य बातों को जाना है|

आने वाली पोस्ट में हम हाउस लोन की विभिन्न योजनाओं को जानेंगे जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना।

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आप सब से अनुरोध है कि आप इस पोस्ट को सोशल साइट्स पर शेयर करें ताकि सभी को हाउस लोन से संबंधित जानकारी का बोध हो, जानकारी होने पर ही अपने अधिकारों का प्रयोग किया जा सकता है और बैंक द्वारा लाई गई योजनाओं का लाभ उठाया जा सकता है।

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