
Cooperative Sector: ग्रामीण युवा के लिये रोजगार तलाश और संभावना
सहकारी विभाग (कोआपरेटिव सेक्टर/बैंक) से लोन लेने की क्या है अधिकतम ऋण सीमा
Loan To Farmers/MCL (Maximum Credit Limit | अधिकतम ऋण सीमा)
दोस्तों नमस्कार, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां का रजिस्ट्रेशन हरियाणा कोऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट 1984 के अधीन होता है। इन समितियों के रजिस्ट्रेशन के उपरांत इसमें सदस्यों को मेंबर के रूप में रजिस्टर्ड किया जाता है और उन सदस्यों को ऋण सुविधा सहकारी बैंकों के माध्यम से उपलब्ध करवाई जाती है।
इन समितियों का संचालन एक बोर्ड करता है। बोर्ड द्वारा सदस्यों की अधिकतम ऋण सीमा एमसीएल निर्धारित किया जाता है।
एमसीएल बनाने के लिए स्केल ऑफ फाइनेंस की जरूरत पड़ती है। डिस्ट्रिक्ट लेवल कोऑर्डिनेशन कमिटी स्केल ऑफ फाइनेंस का निर्धारण करती है तथा इसको सहकारी समितियां तथा अन्य कृषि क्षेत्र में ऋण देने वाली संस्थाओं के पास अमल में लाने के लिए भेजा जाता है।
तदुपरांत समितियों के संचालक मंडल द्वारा प्रस्ताव पारित करके सहकारी बैंकों के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाता है। तदानुसार सहकारी समितियां अपने सदस्यों को ऋण उपलब्ध कराती हैं। इस ऋण को फसली ऋण भी कहते हैं। इस लोन का रेट ऑफ इंटरेस्ट 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष है, परंतु हरियाणा में समिति सदस्यों को शुन्य प्रतिशत पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है । यह अनुदानित ऋण है ।
इसके ऊपर केंद्र सरकार तीन प्रतिशत ब्याज सब्सिडी या अनुदान देते हैं , और 4 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा ब्याज सब्सिडी वहन की जाती है। सदस्यों का एमसीएल अधिकतम ऋण सीमा जिला स्तरीय टेक्निकल कमिटी द्वारा तैयार रिपोर्ट के आधार पर किया जाता है।
स्केल आफ फाइनेंस भिन्न-भिन्न फसलों के मूल्यांकन पर आधारित जिला स्तरीय कमेटी द्वारा किया जाता है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए समिति के कार्यालय या सहकारी बैंक से संपर्क करें, ताकि आप न्यूनतम व शुन्य प्रतिशत ब्याज पर लोन प्राप्त कर सकें। बहुत-बहुत धन्यवाद ।