हाउस लोन की पूरी जानकारी भाग- 1

अपन आशियाना

घर का सपना साकार

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House Loan से संबन्धित पूरी जानकारी, house loan कैसे apply होता है, इसे कैसे calculate करते हैं

दोस्तों आज की आपा-धापी वाली जिंदगी में हर एक व्यक्ति का सपना है अपने घर का |

इसी सपने को साकार करने के लिए सरकारी और प्राइवेट बैंक प्रदान कर रहे हैं – हाउसिंग लोन

तो आज हम जानेंगे हाउस लोन के बारे में –

हाउस लोन देने से पहले बैंक आप के उद्देश्य को सुनिश्चित करते हैं, और उसी अनुसार हाउस लोन देते हैं |

कुछ मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं –

  • घर बनाने हेतु
  • बना बनाया घर खरीदने हेतु
  • घर की मरम्मत हेतु
  • बने हुए घर में कुछ नए कमरे अथवा नया ढांचा बनाने हेतु
  • घर में renovation(कायाकल्प) करने के लिए
  • फ्लैट खरीदने हेतु
  • पहले प्लाट खरीदने के लिए और फिर उसपे मकान बनाने हेतु
  • इन सभी उद्देश्यों के अलावा बैंक किसी दूसरे बैंक से लिए गए आपके द्वारा उस लोन को अपने पास लाने के लिए भी लोन प्रदान करते हैं – इसे बैंकिंग शब्दावली में takeover loan कहा जाता है | अक्सर व्यक्ति यह लोन ब्याज दर को कम करने हेतु दूसरे बैंक से लोन की मांग करता है |

यहां यह बताना उचित होगा कि अलग-अलग बैंक अलग-अलग ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध कराते हैं |

कौन-कौन सी संस्थाएं बैंक लोन प्रदान करती हैं –

  • कमर्शियल बैंक जैसे SBI, PNB, Bank of Baroda इत्यादि
  • हाउसिंग फाइनेंस कंपनी जैसे HDFC, PNB HOUSING FINANCE, LIC HOUSING FINANCE, INDIABULLS, IIFL, PIRAMAL HOUSING FINANCE, GIC HOUSING FINANCE इत्यादि
  • Housing Boards जैसे National Housing Bank
  • Co-operative banks (सहकारी बैंक)
  • Co-operative societies भी हाउसिंग लोन प्रदान करती हैं |

योग्यता – अब दोस्तों हम जानेंगे कि इस लोन को लेने के लिए योग्यता क्या है ? अथवा आसान शब्दों में ये जानेंगे कि किस व्यक्ति को लोन प्रदान करती हैं – ये संस्थाएं

वैसे तो हर बैंक और संस्था के अपने नियम हैं परन्तु मुख्यत: सभी संस्थाएं निम्न बातों को आधार बनातीं हैं –

  • कोई salaried individual (वेतनभोगी) जो 2 या अधिक साल से नियमित सेवा में हो (confirmed service)
  • इसके अलावा व्ययवसायी भी इस तरह का लोन प्राप्त कर सकते हैं – बशर्तें उनका व्यवसाय 3 साल या उससे अधिक से सुचारू हो |
  • इसके अलावा भी सरकार LIG (Low Income Group), MIG I (Mid Income Group I), MIG II (Mid Income Group II) जैसी श्रेणियों के लिए भी बैंको को लोन प्रदान करने हेतु उत्साहित कर रही हैं |

ध्यान रहें LIG, MIG I, MIG II इन श्रेणियों में सरकार सब्सिडी भी मुहैया कराती है – सब्सिडी के बारे में और इन श्रेणियों के बारे में हम आने वाली पोस्ट में विस्तृत जानकारी देंगे, आप हमारी वेबसाइट से जुड़े रहें |

बैंक कैसे निर्धारित करते हैं कि किसको कितना लोन दिया जाएँ

  • अधिकतर बैंक आपके वेतन के कुछ हिस्से को अनिवार्य रूप से आपको दिया हुआ मान के, बचें वेतन की रकम से आपको देने वाले लोन अमाउंट को निर्धारित करते हैं | इसके साथ-साथ बैंक मकान की कुल क़ीमत का 70% से 90% तक देते हैं | उदाहरण – यदि आपने 50 लाख का मकान लेना है तो बैंक आपको 35 लाख से 45 लाख (70 % – 90 % of 50 लाख)  तक लोन प्रदान कर सकता है | बचा हुआ 5 लाख से 15 लाख तक आपको देना होगा जिसे बैंकिंग भाषा में मार्जिन कहा जाता है |
  • इसके साथ साथ मान लीजिए आपका वेतन 50 हज़ार प्रति माह है – इसमें से 40 % जो हुआ 20 हज़ार आपको अनिवार्य खर्च के रूप में बैंक दिया हुआ मान कर, बचें वेतन 50 हज़ार – 20 हज़ार = 30 हज़ार प्रति माह को किश्त अदायगी के लिए आधार मान कर और लोन अवधि को ध्यान में रख के देने योग्य लोन अमाउंट निर्धारित करेगा |
  • इसके अलावा आपको होने वाली कृषि से आमदनी को भी लोन अमाउंट योग्यता निकालने के लिए सम्मिलित किया जा सकता है |
  • इसके अलावा अगर आपकी लोन योग्यता काम रह जाती है तो आपके पति/पत्नी, माता-पिता, बेटा-बेटी को लोन में सहभागी बना कर भी आपको लोन प्रदान किया जा सकता है | बशर्तें वो नियम और शर्तों को पूरा करते हों | यहाँ यह बताना उचित होगा कि अधिकतर बैंक भाई-बहन की आमदनी को सम्मिलित नहीं करते हैं |

दोस्तों आज के लिए इतना ही, आने वाली पोस्ट में हम आपको हाउस लोन से सम्बंधित बची हुई सारी जानकारी प्रदान करेंगे |

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