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House Loan से संबन्धित पूरी जानकारी, house loan कैसे apply होता है, इसे कैसे calculate करते हैं
दोस्तों आज की आपा-धापी वाली जिंदगी में हर एक व्यक्ति का सपना है अपने घर का |
इसी सपने को साकार करने के लिए सरकारी और प्राइवेट बैंक प्रदान कर रहे हैं – हाउसिंग लोन
तो आज हम जानेंगे हाउस लोन के बारे में –
हाउस लोन देने से पहले बैंक आप के उद्देश्य को सुनिश्चित करते हैं, और उसी अनुसार हाउस लोन देते हैं |
कुछ मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं –
- घर बनाने हेतु
- बना बनाया घर खरीदने हेतु
- घर की मरम्मत हेतु
- बने हुए घर में कुछ नए कमरे अथवा नया ढांचा बनाने हेतु
- घर में renovation(कायाकल्प) करने के लिए
- फ्लैट खरीदने हेतु
- पहले प्लाट खरीदने के लिए और फिर उसपे मकान बनाने हेतु
- इन सभी उद्देश्यों के अलावा बैंक किसी दूसरे बैंक से लिए गए आपके द्वारा उस लोन को अपने पास लाने के लिए भी लोन प्रदान करते हैं – इसे बैंकिंग शब्दावली में takeover loan कहा जाता है | अक्सर व्यक्ति यह लोन ब्याज दर को कम करने हेतु दूसरे बैंक से लोन की मांग करता है |
यहां यह बताना उचित होगा कि अलग-अलग बैंक अलग-अलग ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध कराते हैं |
कौन-कौन सी संस्थाएं बैंक लोन प्रदान करती हैं –
- कमर्शियल बैंक जैसे SBI, PNB, Bank of Baroda इत्यादि
- हाउसिंग फाइनेंस कंपनी जैसे HDFC, PNB HOUSING FINANCE, LIC HOUSING FINANCE, INDIABULLS, IIFL, PIRAMAL HOUSING FINANCE, GIC HOUSING FINANCE इत्यादि
- Housing Boards जैसे National Housing Bank
- Co-operative banks (सहकारी बैंक)
- Co-operative societies भी हाउसिंग लोन प्रदान करती हैं |
योग्यता – अब दोस्तों हम जानेंगे कि इस लोन को लेने के लिए योग्यता क्या है ? अथवा आसान शब्दों में ये जानेंगे कि किस व्यक्ति को लोन प्रदान करती हैं – ये संस्थाएं
वैसे तो हर बैंक और संस्था के अपने नियम हैं परन्तु मुख्यत: सभी संस्थाएं निम्न बातों को आधार बनातीं हैं –
- कोई salaried individual (वेतनभोगी) जो 2 या अधिक साल से नियमित सेवा में हो (confirmed service)
- इसके अलावा व्ययवसायी भी इस तरह का लोन प्राप्त कर सकते हैं – बशर्तें उनका व्यवसाय 3 साल या उससे अधिक से सुचारू हो |
- इसके अलावा भी सरकार LIG (Low Income Group), MIG I (Mid Income Group I), MIG II (Mid Income Group II) जैसी श्रेणियों के लिए भी बैंको को लोन प्रदान करने हेतु उत्साहित कर रही हैं |
ध्यान रहें LIG, MIG I, MIG II इन श्रेणियों में सरकार सब्सिडी भी मुहैया कराती है – सब्सिडी के बारे में और इन श्रेणियों के बारे में हम आने वाली पोस्ट में विस्तृत जानकारी देंगे, आप हमारी वेबसाइट से जुड़े रहें |
बैंक कैसे निर्धारित करते हैं कि किसको कितना लोन दिया जाएँ –
- अधिकतर बैंक आपके वेतन के कुछ हिस्से को अनिवार्य रूप से आपको दिया हुआ मान के, बचें वेतन की रकम से आपको देने वाले लोन अमाउंट को निर्धारित करते हैं | इसके साथ-साथ बैंक मकान की कुल क़ीमत का 70% से 90% तक देते हैं | उदाहरण – यदि आपने 50 लाख का मकान लेना है तो बैंक आपको 35 लाख से 45 लाख (70 % – 90 % of 50 लाख) तक लोन प्रदान कर सकता है | बचा हुआ 5 लाख से 15 लाख तक आपको देना होगा जिसे बैंकिंग भाषा में मार्जिन कहा जाता है |
- इसके साथ साथ मान लीजिए आपका वेतन 50 हज़ार प्रति माह है – इसमें से 40 % जो हुआ 20 हज़ार आपको अनिवार्य खर्च के रूप में बैंक दिया हुआ मान कर, बचें वेतन 50 हज़ार – 20 हज़ार = 30 हज़ार प्रति माह को किश्त अदायगी के लिए आधार मान कर और लोन अवधि को ध्यान में रख के देने योग्य लोन अमाउंट निर्धारित करेगा |
- इसके अलावा आपको होने वाली कृषि से आमदनी को भी लोन अमाउंट योग्यता निकालने के लिए सम्मिलित किया जा सकता है |
- इसके अलावा अगर आपकी लोन योग्यता काम रह जाती है तो आपके पति/पत्नी, माता-पिता, बेटा-बेटी को लोन में सहभागी बना कर भी आपको लोन प्रदान किया जा सकता है | बशर्तें वो नियम और शर्तों को पूरा करते हों | यहाँ यह बताना उचित होगा कि अधिकतर बैंक भाई-बहन की आमदनी को सम्मिलित नहीं करते हैं |
दोस्तों आज के लिए इतना ही, आने वाली पोस्ट में हम आपको हाउस लोन से सम्बंधित बची हुई सारी जानकारी प्रदान करेंगे |
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Very Informative